इरादा

हरिजनों के हितों को बढ़ावा देने वाली संस्था, जागरूक, इन 'अछूतों' की स्थिति में सुधार के लिए क्षेत्रीय और राष्ट्रीय कानून बदलना चाहते थे’ और उनकी संतान.

दृष्टिकोण

वह जुटी 1978 सूरज 35000 इन अछूतों की और राजधानी की ओर एक मार्च में उनका नेतृत्व किया. वे राज्य की सरकार को अपनी इच्छा व्यक्त करने के लिए सरकारी भवन के सामने चौक में एकत्रित हुए, आवश्यकताओं और प्रस्ताव प्रस्तुत करें.

परिणाम

तो यह एक बड़ी सफलता थी. लेकिन सरकार ने पुलिस और सेना को हस्तक्षेप करने दिया, हथियारों के साथ, आंसू गैस के गोले छोड़े और अंत में गोलीबारी हुई. मौतें और चोटें थीं. प्रदर्शनकारी टपक रहे थे, का, बहुत निराश. कार्रवाई विफल. एक बार अछूत, हमेशा अछूत.

सीखने का क्षण

लेकिन वह, आयोजक और उनके बच्चे, की हार से सीखा सबक 1978. वे समझ गए थे कि समाधान सामूहिक राजनीतिक कार्रवाई में नहीं है. अछूतों की स्थिति में सुधार के लिए अन्य रास्ते अपनाने पड़े. शिक्षा की तरह. AWARE ने हरिजनों के बच्चों और स्वयं हरिजनों के लिए शिक्षा कार्यक्रम शुरू किए.

आगे:
बीस साल बाद, इनमें से पर्याप्त बच्चे संसद और राज्य सरकार में ही बैठे थे. वे अब कानून बदल सकते हैं, और यह हुआ.

 

लेखक: जन रुइससेनार